Monday, November 28, 2011

फेसबुक




फेसबुक

फेसबुक... एक ऐसी सोशल नेटवर्किंग साइट... जिसने इस ग्लोबलाइज्ड दुनिया में लोगों को एक दूसरे से कुछ ऐसे जोड़ा... कि लोग कम्प्यूटर के साथ साथ मोबाइल पर भी ऑनलाइन रहने लगे... इस वेबसाइट का क्रेज शहरों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि इसने गांव में रहने वालों को भी अपना मुरीद बना लिया... इस वेबसाइट के जरिए लोग अपनी बातों को लिखकर दूसरों से आसानी से साझा करते हैं... कोई कवितायें लिखता है तो कोई लेख... कोई इस पर कई तरह की फोटो अपलोड करता है... तो कोई समाज और सरकार से जुड़े मुद्दों और समसामयिक घटनाओं पर टिप्पणी करता है... जिसे फेसबुक पर मौजूद करोड़ों लोग पढ़ते और उस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं... लेकिन हम आपको जो बताने जा रहे हैं उसे सुनने के बाद आप चौंक जाएंगे.... अखबार दि संडे टेलीग्राफ के मुताबिक यूरोप में इन दिनों फेसबुक अपने यूजर्स की प्राइवेट सूचनाओं को इकट्ठा कर विज्ञापनदाताओं को बेच रहा है... जबकि फेसबुक ने इस बात से इंकार किया है...
अखबार ने दावा किया है कि फेसबुक अपने यूजर्स के राजनीतिक विचारों, सेक्शुएलिटी, धार्मिक मान्यताओं और ठिकानों से संबंधित जानकारियां जुटाने के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहा है... प्राइवेसी के उल्लंघन को लेकर पैदा हुयी चिंताओं के बाद यूरोपियन कमीशन अगले साल जनवरी में एक निर्देश लाने वाला है, जो ऐसी एडवर्टाइजिंग पर प्रतिबंध लगाएगा... लेकिन इसके पीछे यूजर्स की रजामंदी का तर्क भी दिया जा रहा है.... फेसबुक जो सूचनाएं इकट्ठा करता है वो अमेरिका में कम्प्यूटरों में स्टोर की जाती है.... अगर साइट नए कानून का पालन नहीं करती, तो उसे कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा... फेसबुक पर हो रही इस तरह की गड़बड़ी को रोकने के मकसद से मौजूदा यूरोपियन डाटा प्रोटेक्शन कानून में जल्द ही बदलाव किये जाएंगे...
फेसबुक से जुड़ा ये कोई पहला मामला नहीं है... इससे पहले भी कई बार फेसबुक को लेकर खबरें आ चुकी हैं मसलन आपके फेसबुक अकाउंट को हैकर्स हैक करने की फिराक में रहते हैं लिहाजा अपना पासवर्ड समय समय पर बदलते रहंे... इसके अलावा खबरें ये भी आईं कि फेसबुक अकाउंट से लॉग आउट करने के बाद भी इससे व्यक्तिगत सूचनाएं चुराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं... फिलहाल तो यूरोप में ये मामला देखने को मिला है लेकिन भारत में फेसबुक यूजर्स को भी सचेत रहना होगा और तब जब भारत में मौजूदा फेसुबुक यूजर्स की तादाद लगभग 38 करोड़ है जिसके बढ़ने की संभावना लाजमी है...
 

Thursday, November 24, 2011

बैठकी की नई दुनिया



बैठकी की नई दुनिया
एक दौर था जब लोगों के पास वक़्त ही वक़्त था... तब शायद इन्सान की दुनिया उसके इर्द गिर्द  के कुछ ही हिस्सों तक महदूद थी... लेकिन बदलते वक़्त में हमने दुनिया का ग्लोबलाईजेशन देखा... और ये भी देखा कि कैसे हम सब एक दुसरे से दूर होते हुए भी तकनीकी सेवाओं और उपकरणों के ज़रिये कितने पास हैं... पर तस्वीर यहाँ पर थोड़ी सी ऐसे बदल जाती है कि पहले वक़्त था, सुकून था जो आज के दौर में शायद ही मिलता है... इसका कारण ये नहीं कि लोग आज पुराने तरीकों से जीना नहीं चाहते... और ना ही ये कि आज सभी अपने ही बारे में सोचने में लगे हैं... बल्कि ये बदलते वक़्त का ही बनाया एक नए तरीके का प्रयोगात्मक (PRACTICAL LIFE) मंच है, जिसके हम सब किरदार हैं जो अपने अपने अभिनय अंश का इंतज़ार कर रहे हैं... इस बदलती दुनिया में हमें शुक्रगुज़ार होना चाहिए तमाम सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट का जिन्होंने हमें अपने पुराने और बिछड़े हमजोलियों से मिलाया... अगर थोडा और सरल भाषा में कहा जाए तो पहले दोस्तों की बैठकी घर, नुक्कड़ या फिर किसी पेड़ के नीचे होती थी, जो कि अब फेसबुक और ऑरकुट जैसे अड्डों पर होती है... हाँ मज़ा उतना तो नहीं आता जो एक साथ बैठ कर गपबाज़ी करने में आता था लेकिन इतना कम भी नहीं आता... इसलिए थैंक्स इस वैज्ञानिक दुनिया का जिसने हमे ये विकल्प दिया...