नेताओं की चाल, संसद के साठ साल
संसद हुई साठ की, नेताओं को ये ख्याल रहे,
जो हुआ वो ठीक, अब क्या करें ये सवाल रहे,
दे जाएं देश को कुछ खास ना कोई मलाल रहे,
दामन साफ हो इतना, कि इनकी मिसाल रहे,
संसद हुई साठ की, नेताओं को ये ख्याल रहे...
अपने पराए में ना करें फर्क सबके जलाल रहें,
भ्रष्टाचार, अपराध जैसा ना कोई बवाल रहे,
आंसू नहीं अंाखों में उजाले हों ये कमाल रहे,
खुशियों की उड़े खुशबू ऐसे जैसे गुलाल रहे,
संसद हुई साठ की, नेताओं को ये ख्याल रहे...
रूपए से नहीं सबकी दुआआंे से मालामाल रहें,
जनहितकारी बनें कानून संसद का ये हाल रहे,
शायद सदन की गरिमा तब बनी हर साल रहे,
अपने देश में जब इक सशक्त लोकपाल रहे,
संसद हुई साठ की, नेताओं को ये ख्याल रहे...
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