Tuesday, August 5, 2014

तू ख्वाब है मेरा



तू ख्वाब है मेरा


तू ख्वाब है मेरा मेरी हक़ीकत जो बन जा
तो हक़ीकत को ख्वाब सा दिलचस्प बना दूं मैं


बस आरज़ू है तुझमें खुद को बसानें की मेरी
एक मौका तो दे कि तुझे अपना बना लूं मैं

तेरी आंखों के जज़ीरों में छुपा, कुछ ख़ास तो है
आ तुझे अपने दिल ओ दिमाग में बसा लूं मैं


तू ख्वाब है मेरा मेरी हक़ीकत जो बन जा
तो हक़ीकत को ख्वाब सा दिलचस्प बना दूं मैं...


हर नींद तुझे आग़ोश में लेता हूं कुछ ऐसे
कि सिमटी सी चादर भी पूछे मुझे कहां हूं मैं

मेरी हथेली का मखमली असर तुझपे ऐसा है
कि तेरे सुर्ख़ रुखसारों पर मचलती अदा हूं मैं


तू ख्वाब है मेरा मेरी हक़ीकत जो बन जा
तो हक़ीकत को ख्वाब सा दिलचस्प बना दूं मैं...


तू अपने ग़ुलाबी लबों से मुझे आवाज़ दे या नहीं
पर तेरी मुहब्बत के हर अहसास की सदा हूं मैं

तेरी शरीर की बनावट आयतों सी लगती है
है इतनी खूबसूरत कि पढ़ के खुद से जुदा हूं मैं

मेरी जुस्तजू के हंसी ख़्वाब जो तू बन जाए
फिर देख मेरे दिल की दुनिया का ख़ुदा हूं मैं



तू ख्वाब है मेरा मेरी हक़ीकत जो बन जा
तो हक़ीकत को ख्वाब सा दिलचस्प बना दूं मैं...

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